श्याम सुन्दर पोद्दार
हैदराबाद के नवाब की अनुकम्पा से एमआईएम पार्टी का जन्म हुआ। हैदराबाद लोकसभा सीट मुसलमान बहुसंख्यक है। इसलिए वहां से कट्टर पंथी मुसलमान पार्टी स्वाधीनता के बाद से जीतती आयी है। हिंदुस्तान में मुस्लिम मतदाता व हिन्दू मतदाता के वोट करने के स्वभाव में ज़मीन आसमान का अंतर है। जहां हिंदू बहुसंख्यक है वहां हिन्दू मतदाता किसी भी सेक्युलर पार्टी को जीता देता है। पर मुस्लिम मतदाता इसके विपरीत जहां मुस्लिम बहुसंख्यक है वहा कट्टरपंथी मुस्लिम पार्टी को वोट देता है। कभी भी सेक्युलर पार्टी का मुस्लिम उम्मीदवार वहां से नहीं जीत पाता है। भारत में कुल 7 लोकसभा सीटे हैं जहां मुस्लिम बहुसंख्यक है। केरल में 2, हैदराबाद में 1, असम में 1, जम्मू एवं कश्मीर में तीन। स्वाधीनता के बाद का इतिहास रहा है इन सभी सीटों पर कट्टर पंथी मुसलमान जीत हासिल करते रहे हैं। केरल में दोनों सीट पर मुस्लिम लीग, हैदराबाद से मिम, असम से यूनाइटेड मायनॉरिटी फ़्रंट, जम्मू कश्मीर से पहले कट्टर पन्थी मुस्लिम कॉन्फ़्रेन्स (नया नाम नैशनल कॉन्फ़्रेन्स) तथा उससे भी कट्टरपंथी पीडीपी जीतती रही है। जिन सीटों पर ये 30 से 40 पर्सेंट है वहां सेक्युलर दल के मुस्लिम उम्मीदवार को वोट देते हैं।
असदुद्दीन ओबैसी के राष्ट्रीय क्षितिज पर उभरने के पहले मुसलमानो का वोट इन सीट्स पर उस सेक्युलर पार्टी को मिलता था जो भाजपा को हरा सके। अब हिन्दू वोट्स के भाजपा व अन्य सेक्युलर दलों में बंटने से महाराष्ट्र में मालेगांव मुस्लिम बहुल क्षेत्र में ओवैसी की पार्टी का उम्मीदवार लोकसभा में पहुंच गया। कांग्रेस राज में मुसलमानो को पूरी छूट थी हिंदुओं के दुर्गा पूजा, गणेश पूजा, सरस्वती पूजा, अहमदाबाद की जगन्नाथ रथयात्रा पर दंगा करने की। भारत वर्ष में दंगों का इतिहास यही प्रमाणित करता है। आज तक ईद-बक़रीद पर कभी हिंदुओं ने दंगा नही किया। जबकि उनकी गाय माता काटी जाती है। मुसलमान हिंदुओं के पर्व पर ही बिसर्जन के समय उनके मोहल्ले से निकलने वाली मूर्तियों पर हमला क्यों करते है। जब देश में मुसलमानो का राज था। उस समय हिंदुओं को ज़िम्मी यानी द्वितीय श्रेणी का नागरिक बन कर जीना पड़ता था। उनको खुले में अपनी पूजा करने का अधिकार नही था। आज का मुसलमान भी अपने इलाक़े में स्वयं को मुग़लिया शासक समझता है तथा जब उनके इलाक़े से सरस्वती, दुर्गा, गणेश बिसर्जन के लिए निकलते हैं तो मस्जिदों से पत्थरों की बारिश होना आरम्भ हो जाती है। हिन्दू इसके लिए तैयार नही रहता है। ये अब आगे बढ़ कर दंगा आरम्भ कर देते हैं। ये अच्छे से जानते हैं दंगा करने वालों को सजा तो नहीं होगी। एक इंक्वायरी कमिशन बैठेगा। बात ठंडी हो जाएगी। इंक्वायरी कमिशन में कहा जाएगा मुसलमानों ने दंगा किया, पर रिपोर्ट कभी जनता के सामने नही आएगी।
ओबैसी की राजनीति अभी तक सेक्युलर दल समझ नही पाये है। वे समझते हैं ये भाजपा के पक्ष में ध्रुवीकरण की राजनीति कर के भाजपा को मज़बूत बना रहा है। यह एकदम ग़लत है। जिन्ना ने पाकिस्तान पाने के लिए धमकी दी या तो मैं देश को बाटूंगा या मैं देश को बर्बाद कर दूंगा। ओबैसी भी अपनी कौम को उसी दिशा में ले जा रहा है। उसके विधायक भाईं ने कहा था 15 मिनट के लिए पुलिस हटा लो फिर हम हिंदुवों को मज़ा चखाते हैं। दिल्ली में, उत्तर प्रदेश में हाल ही में मुस्लिम दंगाइयों ने पुलिस वालों को जान से मारा, उनपर गोलियां चलायीं। घर की छतों से घर की औरतों ने पुलिस पर ईंटों से हमला किया। सबने देखा है। ये ओबैसी का कमाल है। पर मुस्लिम समाज को हिन्दू समाज में आए व्यापक बदलाव को समझ लेना चाहिए। अब हिन्दू समाज चुप नहीं बैठेगा उनको बचाने के लिए सड़क पर उतरेगा।
लेखक हिंदू महासभा के राष्ट्रीय प्रवक्ता हैं