नई दिल्ली। बिना दिखावे के होनी चाहिए सेवा भावना। यह शब्द हैं प्रगतिशील क्षत्रिय स्वर्णकार सभा के कार्यकर्ताओं के। लॉकडाउन में फंसे गरीबों की भोजन समस्या का निवारण कर रही यह संस्था बगैर किसी आत्मप्रचार के यह काम लगातार कर रही है। हर रोज हजारों लोगों को दो वक्त भोजन कराने में जुटी संस्था के कार्यकर्ताओं का मानना है कि नर सेवा ही वास्तव में नारायण सेवा है।
आपको बता दें कि संस्था पिछले लगभग 5 वर्षों से नवरात्रि में श्री राम जन्मोत्सव मनाती चली आ रही है। इसके अलावा भी समय समय पर धार्मिक, सामाजिक आयोजन करती रहती है। मुफ्त स्वास्थ्य परीक्षण व नेत्र परीक्षण आदि के जरिए समाज सेवा में संलिप्त रहने के बावजूद प्रगतिशील क्षत्रिय स्वर्णकार सभा कभी किसी अखबार या चैनल की सुर्खियों में आने को लालायित नहीं रहता।
कोविड 19 की महामारी के इस मुश्किल समय में संस्था के कार्यकर्ता अपनी सेवा भावना के अनुरूप दुखी मानवता की सेवा में निस्वार्थ भाव से जुटे हुए हैं। लॉक डाउन के इस समय में यह लोग गरीब भूखे लोगों दिहाड़ी मजदूरों के पेट की भूख मिटाने का भरसक प्रयत्न कर रहे हैं। संस्था के सदस्यों द्वारा प्रतिदिन लगभग 1000 से 1500 लोगों के बीच भोजन वितरित किया जा रहा है।
यह भोजन श्याम गली, राजगढ़ एक्सटेंशन, गांधी नगर, डीएवी स्कूल के पास, दिल्ली – 31 में उन लोगों को वितरित किया जा रहा है जिन्हें इसकी आवश्यकता है। भोजन के पैकेट में दाल, चावल, रोटी, सब्जी, पूड़ी आदि बारी - बारी से वितरित किये जा रहे हैं। बिना भेदभाव एवं बिना दिखावे के इन लोगों का सेवा भाव वाकई देश की सेवा भावना का एक जज्बा है।
सबसे बड़ी बात यह है कि किसी भी सरकारी या धनवान व्यक्ति से आर्थिक मदद लिए बिना ही यह अपने कार्य को अंजाम दे रहे हैं। संस्था के कार्यकर्ताओं का कहना है कि इस खर्च की पूर्ति समाज के लोग मिलजुलकर कर रहे हैं। संस्था के संयोजक अशोक आनंद वर्मा ने बताया कि भूखे लोगों को खाना खिलाकर जो आत्मसंतुष्टि मिलती है वह किसी भी अखबार में छपने या चैनल पर दिखने से ज्यादा बड़ा सुख है।